टीनिया वर्सिकलर(Tinea versicolor )


परिचय-टीनिया वर्सिकलर अथवा जिसे साधारण भाषा में भभूती कहते हैं,त्वचा का एक ऐसा रोग है जिसमें सफेद और भूरे रंग के चकत्ते हमारे शरीर पर बन जाते हैं,ये मुख्यतया धङ ,हाथ व कभी कभी चेहरे पर भी पाये जा सकते हैं।अपने रंग की वजह से जो कि सफेद से मिलता जुलता हो सकता है रोगी इसे सफेद दाग याने vitiligo समझ लेता है।और अधिकतर इसी वजह से चिकित्सक तक पहुंचता है।हालांकि इनके कारण ,गंभीरता और उपचार में रात दिन का अंतर होता है।

कारण-ये रोग हमारे शरीर पर सामान्यतया पाये जाने वाले फंगस mellasezia furfur or pityriosporum ovale (एक ही फंगस के दो नाम हैं)के कारण होता है।

लक्षण-शरीर पर विभिन्न आकार के  गोल गोल चकते जो कि कुछ मिलिमीटर से कुछ सैटीमीटर तक हो सकते हैं अन्य कोई लक्षण नहीं होता है।क्यों कि ये फंगस त्वचा की सबसे ऊपरी याने superficial परत stratum corneum मैं पाया जाता है इसलिए इससे खुजली नहीं होती और न हीं किसी प्रकार का द्रव निकलता है क्यों कि ये परत निर्जीव होती है।सामान्यतया गर्मी और बरसात ऋतु में ये ज्यादा होता है,क्यों कि तब शरीर पर पसीना ज्यादा आता है,कई बार सर्दी आने पर ये स्वतः कम हो जाता है।

निदान-टीनिया वर्सीकलर के निदान के लिए किसी प्रकार के टैस्ट की आवश्यकता सामान्यतया नहीं होती क्यों कि इसे देखकर आराम से पहचाना जा सकता है,फिर भी इसके लिए सूक्ष्मदर्शी यंत्र द्वारा देखकर इसका निदान किया जा सकता है,जिसकी आवश्यकता अधिकतर नहीं होती क्यों कि कोई भी अनुभवी विशेषज्ञ इसे ध्यान से देखकर पहचान सकता है।

                                 कई बार उपचार के उपरांत भी ये निशान कुछ समय तक ज्यादा सफेद दिखाई देते हैं क्यों कि  जहां ये फंगस चिपका हुआ है वहां पर सूर्य की रोशनी नहीं लगने से नीचे की त्वचा गोरी हो जाती है जिससे जैसे उपचारोपरांत फंगस हटता है नीचे गोरी त्वचा सफेद दाग होने का आभास देती है।प्रतिदिन कुछ समय धूप में बैठने से ये आस पास की त्वचा में मिल जाती है और दिखाई नहीं देती।
टीनिया वर्सीकरल का उपचार सामान्य एंटी फंगल दवाईयों द्वारा आसानी से किया जा सकता है,इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करना चहिये।


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