vitiligo याने सफेद दाग एक सामान्य जानकारी
सफेद दाग जिसे की आयुर्वेद मै श्वेत कुष्ठ के नाम से जानते है एक ऐसी बीमारी है जिससे कोई भी व्यक्ति बचना चाहेगा..इस बीमारी मैं व्यक्ति की त्वचा पर सफेद चकते बनने प्रारंभ हो जाते है ..और कई वार यह पूरे पूरे शरीर पर फैल जाती है…..वैसे विटिलिगो नामक इस बीमारी का कुष्ठ रोग से कोई लेना देना नहीं है.जहां कुष्ठ रोग का प्रमुख लक्षण ही त्वचा मैं संवेदना खत्म होना या सूनापन होना होता है…वहीं त्वचा मैं से रंग का अनुपस्थित होना कभी कभार ही होता है बल्कि अधिकतर बार त्वचा सामान्य रंग की ही होती है……
definition-vitiligo is an acquired idiopathic disorder characterized by circumscribed depigmented macules and patches.functional melanocytes disappear from involved skin by a mechanism that has yet not been defined.
अर्थात विटिलोगो एक ऐसी व्याधी हे जिसमें शरीर पर एकदम सफेद चकते बन जाते है ये चकते त्वचा मैं मिलेनोसाईट्स जो कि त्वचा मैं रंग बनाने के लिए जिम्मेदार होते है उनकी अनुपस्थिति की वजह से होती है पर मिलेनोसाईट्स क्यों त्वचा से अनुपस्थित होती है इसके बारे मैं अलग अलग सिद्धांत जरूर हैं पर अधिकारिक रूप से नहीं कहा जा सकता है कि क्यों ऐसा होता है.
मिलेनोसाईट्स के नष्ट होने के अनेक प्रकार के कारण खोजे गये है ….पर जिस कारण को आधार मानकर उपचार किया जाता है और जो सबस मह्तव पूर्ण कारण माना गया है वो है….autoimmune destruction of melanocytes अर्थात शरीर के प्रतिरोधक तंत्र मैं त्रुटी की वजह से मिलेनोसाईट्स का नष्ट होना.
clinical features-विटिलिगो मैं जो निशान बनता है …वह पूरी तरह से मिलेनोसाईट्स से रहित होता है इसलिए यह एक सुस्पष्ट सीमाओं वाला सफेद दूध(milky white or ivory white colored) जैसा सफेद निशान होता है.यह शरीर के किसी भी हिस्से मैं हो सकता है…पर अधिकतर यह त्वचा के वे भाग जिनका रंग आस पास की त्वचा से गहरा होता है वहां सबसे पहले प्रारंभ होता है….जैसे चेहरे पर ये अधिकतर आंखो के चारों ओर प्रारंभ होता है…या फिर वे स्थान जहां सबसे ज्यादा रगङ लगने की संभावना होती है या चोट लगती है अर्थात traumatic sites over body जैसे कुहनी.घुटना,टखना..या कमर पर नाङा बांधने की जगह….
ये निशान एक से लेकर अनेक तक कितनी भी संख्या मैं बनने के बाद धीरे धीरे आकार मैं बढते चले जाते हैं…बढने की गति इसके प्रकार पर निर्भर करती है…और यदि ध्यान नहीं दिया जाये तो कई बार ये पूरे शरीर के ऊपर फैल सकती है.
vitiliugo को इसके होने के प्रकार के आधार पर अनेक भागों मैं बांटा गया हैं….जिसमें दो प्रमुख प्रकार माने गये हैं-
- unilateral-जो कि शरीर के मध्य यदि एक रेखा खींचें तो बीच की रेखा को पार न करे.
- and bilateral याने जो शरीर के दोनों तरफ हो सकता है.
एक अन्य प्रकार जिसमें विटिलिगो को तीन प्रकार मैं बांटा गया है
- localized-जो शरीर के एक थोङे से हिस्सें मैं हो…
- generalized-याने जिसमें छोटे छोटे चकते शरीर के अधिकांश हिस्सें मैं हो….करीब 90 प्रतिशत तक विटिलिगो जो हैं इसी प्रकार का होता है.
- universal-जिसमें शरीर पर चकते न बनकर पूरा शरीर ही करीब करीब सफेद हो जाता ह.
इसके अलावा भी विटिलोगो को इसकी गति के आधार पर दो भागों मैं बांटा गया है
prograssive-जब विटिलिगो तेजी से बढ रहा होता है.
stableजब विटिलिगो की बढत रूक गई है…
उपचार----उपचार करने मैं दो तरह की औषधिया काम मैं ला जी जाती है…एक वे जो जो प्रति रोधक तंत्र मैं फेरबजल कर के व्याधी के बढने को रोकती है….और दूसरी वे जो गये हुए रंग को वापिस बनाती है …..
- narrow band uvb therapy- Ultraviolet (UV) light विध्युत चुंबकीय किरणें है जिनका तरंग दैर्ध्य प्रकाश की दिखने वाली किरणों से कम और एक्स रे से ज्यादा होता है.चूं कि इनका तरंग दैर्ध्य प्रपकाश के स्पैक्ट्रम मैं दिखने वाली violet याने बैंगनी किरणों के तरंग दैर्ध्य से छोटा होता है इसलिए इनका नाम Ultraviolet (UV) किरणें है.UV-B(280-315nm waveband )की प्रकाश किरणें होती है.narrow band uvb therapy मैं एक विशेष प्रकार कै प्रकाश स्त्रोत से 310 nm की किरणें निकलती है….इसका विटिलिगो के निशान पर बहुत ही अच्छा प्रभाव होता है और रंग वापिस आने लगता है.सामान्यतया प्रारंभ मैं 250 मिलीजूल प्रति सैंमी की डोज मैं ये दी जाती है इसके बाद हर बार इससे करीब 10 –20 प्रतिशत तक इसे बढाया जाता है.ये उपचार सपताह मैं 2 से तीन बार तक किया जाता है. क्यों कि इस उपचार मैं मुंह से किसी प्रकार की औषधी बिना दिये भी किया जा सकता है इसलिए इसे 6 साल के बच्चे से लेकर बङों तक विटिलिगो के उपचार मैं इस प्रथम पंक्ति का उपचार(drug of choice) माना गया है.ये उपचार हालांकि थोङा महंगा अवश्य है…क्यों कि इस तरह के विशेष प्रकाश स्त्रोत की कीमत हजारों से लाखों रूपये तक होती है.
- PUVA therapy-PUVA याने psoralene +UVA therapy.इस उपचार मैं एक विशेष प्रकार की दवाई जिसे की psoralene कहते हैं वह दी जाती है…..ये औषधी खाने और लगाने दोनों ही प्रकार से दी जा सकती है उसके कुछ समय बाद UVA दिखाई जाती है …..मिलेनोसाईट्स के रंग बनाने मैं uva ये psoralenes की उपस्थिति एक उत्प्रेरक का काम करती है.और रंग बनना प्रारंभ हो जाता है. जैसा कि पास मैं बने हुए चित्र मैं दिखाया गया है उपचार के दौरान जब वापिस रंग बनना प्रारंभ होता हैं तो वो हमेशा यह बालों की जङों से ही निकलता है.
स्टीराईड्स-प्रेडिनिसोलोन,बीटामेथासोन,मिथाईल प्रेडिनिसोलोन आदि अनेक औषधियां जो कि स्टीराईड ग्रुप मैं आती है…ये विटिलोगो मैं बङी ही उपयोगी है.पर इनके साईड इफैक्ट्स ज्यादा होने की वजह से इनका प्रयोग किसी विशेषज्ञ द्वारा ही किया जाये तो ठीक रहता है.
स्टीराईड्स कई प्रकार से दी जा सकती है जैसे प्रतिदिन,या मिनिपल्स थैरेपी जैसे सप्ताह मैं लगातार दो दिन या फिर महिने मैं दो या तीन दिन तक जिसे पल्स थैरेपी कहते हैं.मिनि पल्स या पल्स थैरेपी मैं सामान्य से चार से दस गुणा तक औषधी को दो या तीन दिन मैं दे दिया जाता है और वो भी चिकत्सक की देख रेख मैं ….कई सारे अध्ययनों से ये सिद्ध हुआ है कि प्रति दिन स्टीरायड देने की बजाय पल्स या मिनिपल्स थैरेपी से स्टीरायड देने से साईड इफैक्टस काफी हद तक कम हो जाते है.पर उनसे होने वाले लाभ मैं कोई कमी नहीं आती है.
स्टीरायड औषधियां क्रीम के रूप मैं लगाने के भी काम मैं ली जा सकती है.इसके अतिरिक्त भी टैक्रोलिमस,लिवैमिसौल आदि अनेक औषधियां हैं जो इसके उपचार मैं काम मैं ली जाती है .
शल्य चिकित्सकीय उपचार-जब विटिलिगो कई दिन उपचार करने के बाद भी ठीक नहीं हो रहा होतो ये तरीके काफी कारगर सिद्ध हो सकते हैं.शल्य चिकित्सकीय उपचारों मैं स्प्लिट थिकनैस स्किन ग्राफ्टिंग.पंच ग्राफ्टिंग,आदि अनेक तरीके हैं जिनका यहां सिर्फ नाम जानना ही पर्याप्त हैं….या फिर कभी मौका लगा तो इसके बारे मैं जानकारी देंगे.
उपसंहार-कुल मिलाकर यह एक ठीक होने लायक बीमारी है…लाईलाज नहीं है…और यदि सही समय पर उपचार प्रारंभ किया जाये तो इसमें अच्छे परिणाम मिलते हैं….पर ये बात हमेशा याद रखें कि उपचार के बाद ये वापिस कभी भी हो सकती है…और कई बार नहीं भी होती है…पर ये निश्चत है कि इसका उपचार संभव है…..
Comments
aap mere ko kuch advise de sir
ya phir koi medicine
anyplacе, when i rеad this piece of ωritіng i thought i could also create сοmment duе to thіs brilliant piece of ωriting.
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number9044664117
mera naam deepak hai mujhe ye white spot 12-15 saal se hai...maine ye sabhi ilaj apna rakhe hai jinki baat aap sab uper kar rahe the...maine allopathic dawaiya bhi khai aur desi dawaiya bhi...bht dawaiya khane per ye theek to hue per dubara ho gaye aur sharir ka sara colour bhi bht dark ho gaya tha..maine homopathic dawai shuru ki use khate khate mujhe 10 saal ho gaye hai per main ab bilkul theek hu aur koi naya nishan bhi nahi nikla hai...ye dawai main aj bhi kha raha hu kyoki mujhe darr hai kahi ye dubara na ho jaye....ek chota sa nishan mere abhi bhi hai per wo na hathta hai aur badta hai...ek jagha per ruka hua hai...per homopathic se mere sar ke mere hatho ke meri peeth peth pear sab ke nishan theek ho gaye hai..aap bhi homopathic try kar sakte hai per kab tak theek hoge ye nahi bol sakta kyoki maine ye dawai 10-12 saal khai hai...aur aj bhi kha raha hu
muje ek sal pehlay vitiligo ki problum hui thi aur ab ye bdhana band hai aur 60% thik ho chuka hai
aur maine iski dawai muzaffarnagar
city k andar ek village hai parasoli
usme jain sahab hai jinki steel factory hai aur wo free aushdhi provide kartay hai..bus shart ye hai ki ki treatment mai time jyada lagega
sangwana02@gmail@com
Plz reply me
Quicaly
Bahut bura lagta hai kya ye bhi vitilgo hai?
Air kya Karna chahiye.
aapki meharbani hogi....
my mail id...gour.mahendra@ymail.com
aapki meharbani hogi....AGE-62 SAL
यह बहुत उपयोगी लेख था मेरी बहन को विटिलिगो थी लेकिन उन्होंने लाइफ़फॉर्स होमियोपैथी से होम्योपैथी उपचार लिया। होम्योपैथी उपचार एक धीमी प्रक्रिया है लेकिन यह बहुत प्रभावी है। होम्योपैथिक दवाओं की मदद से वह विटिलिगो से ठीक हो गईं होम्योपैथी उपचार की यात्रा के बारे में अधिक जानने के लिए: http://bit.ly/2EyQ0ei
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