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चिकन पोक्स (chicken pox)

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चिकन पोक्स एक बहुत ही संक्रामक बीमारी है  जो कि varicella zoster नामक विषाणु(virus) के संक्रमण से होता है.जिसमें छोटे छोटे छाले(vesiclec) पूरे शरीर पर बन जाते हैं,जो कि विभिन्न् रूपों मैं हो सकते हैं जैसे छोटे छाले.लाल दाने(papules),खुरंट(scab) इत्यादि..ये विषाणु दो प्रकार की बीमारियां हमारे शरीर मैं कर सकता है.चिकन पोक्स और herpes zoster.चिकन पोक्स को   जिसे भारत मैं विभिन्न नामों से जाना जाता है,जैसे छोटी माता,अचबङा इत्यादी .  संक्रमण का तरीका - विषाणु अति संक्रामक हो ता है.तथा किसी संक्रमित व्यक्ति के उच्छ्वशन मैं निकली वायु के अंदर उपस्थित जल कणों(droplet infection) के अंदर  ये  उपस्थित होते हैं.और ऐसें मैं रोगी अपने आसपास आनेवाले किसी भी व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है.  इसके अलावा ये मरीज के शरीर पर उपस्थित खुंरट या छालों में उपस्थित पानी के संपर्क मैं आने से भी संक्रमित हो सकता है.पर उच्छवसित वायु मैं उपस्थित विषाणु ही मुख्य रूप से चिकन पोक्स को फैलाने के लिए जिम्मेदार होता है. लक्षण- 5 से 9 वर्ष तक के बच्चे सबसे ज्यादा  संक्रमित होते हैं.चिकन पोक्स का incubation period (संक्र

एकने व्ल्गेरिस --ऊपचार +सामान्य chaarcha

एक्नी के बारे कारण के बारे में सामान्य जानकारी हमने प्राप्त की, इसके बाद अब हम इसके ईलाज के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे . एक बार हम ईसके विभिन्न पहलुऔं पर नजर डाल लेते हैं , मरीज के चेहरे पर चिकनाई यानि सीबम की अधिकता होती संक्रमण हो सकता है कीलें और सूजन हो सकती ,जो की समय निकलने के साथ चेहरे पर निशान छोङ देती है , ईलाज मूख्यतः इन्ही बातों को ध्यान में रखकर किया जाता है . एक्नी के ईलाज में प्रारम्भ में खाने और लगाने दोनों प्रकार की औषधियों का उपयोग किया जाता है.जिन्हें बाद में धीरे धीरे कम किया जाता है . खाने की औषधियां--- एन्टिबायोटिक्स यथा डॉक्सीसाईक्लिन,एजिथ्रौमाईसिन,मिनोसाईक्लिन आदि . अन्य औषधियां जैसे जो कभी कभी काम आती हैं पर बहुत उपयोगी होती हैं जैसे जिंक सल्फेटो,हार्म हार्मोन्स,दर्द निवारक,स्टीरॉयड्स आदि . लगाने की औषधियां इस तरह की दवाईयों को हम तीन हिस्सों में बांट सकते , दवाईयां जो मुख्यतया कीलों पर काम करती हैं जैसे –एडॅपलीन(एडॅफरीन,डॅरिवा,मॅडापाईन )ट्रिटिनॉइन, (रेटिनॉ),एजिलिक एसिड, दवाईयां जो मुख्यतया जीवाणु प्रतिरोधी होती हैं जैसे –बेन्जॉयल परॉक्साइड, ए

होली खेलते समय कुछ ध्यान देने योग्य बातें….

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  कैमिकल रंगों से होली नहीं खैलनी चाहिये …ये आपको तो पता है पर जरूरी थोङी है सामने वाले को भी पता है….यहां कुछ छोटी छोटी सामान्य सावधानियां है जिनसे हम होली के बाद अपनी त्वचा को काफी हद तक सामान्य रख पा सकते हं… जहां तक हो सके कैमिकल से बने रंगों का प्रयोग न करें….क्यों कि ये सामने वाले के साथ साथ आपकी त्वचा को भी नुकसान पहुंचा सकता है…. यथासंभव अपने बालों मैं तेल लगाकर रखें( आप छछूंदर न सही पर चमेली का तेल तो लगा ही सकते है ) ….क्यों कि तेल लगे हुए बाल अपेक्षाकृत रंग कम पकङते हैं और बाद मैं धोने मैं आसानी रहती है…. यदि संभव हो सकें तो अपने चर्म रोग विशेषज्ञ से पूछकर ( बिना फीस वाला )कोई बेरियर क्रीम जरूर लगा लें अपने हाथों पर और चेहरे पर …जिसके रंग का रासायनिक प्रभाव यथा संभव कम किया जा सके…यदि बैरियर क्रीम उपलब्ध न हो तो सन स्क्रीन तो जरूर लगा लें …क्यों कि ये भी एक प्रकार की कोटिंग त्वचा पर करती है जिससे थोङा बहुत बचाव इससे भी किया जा सकता है … चलो अब ये भी मान लें कि आप को किसी ने खूब रगङ के रंग लगाया है…..तो …होली खेलने के बाद चेहरे को साबुन के बजाय किसी  अच्छे स

vitiligo याने सफेद दाग एक सामान्य जानकारी

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सफेद दाग जिसे की आयुर्वेद मै श्वेत कुष्ठ के नाम से जानते है एक ऐसी बीमारी है जिससे कोई भी व्यक्ति बचना चाहेगा..इस बीमारी मैं व्यक्ति की त्वचा पर सफेद चकते बनने प्रारंभ हो जाते है ..और कई वार यह पूरे पूरे शरीर पर फैल जाती है…..वैसे विटिलिगो नामक इस बीमारी का कुष्ठ रोग से कोई लेना देना नहीं है.जहां कुष्ठ रोग का प्रमुख लक्षण ही त्वचा मैं संवेदना खत्म होना या सूनापन होना होता है…वहीं त्वचा मैं से रंग का अनुपस्थित होना कभी कभार ही होता है बल्कि अधिकतर बार त्वचा सामान्य रंग की ही होती है…… definition-vitiligo is an acquired idiopathic disorder characterized by circumscribed depigmented macules and patches.functional melanocytes disappear from involved skin by a mechanism that has yet not been defined. अर्थात विटिलोगो एक ऐसी व्याधी हे जिसमें शरीर पर एकदम सफेद चकते बन जाते है ये चकते त्वचा मैं मिलेनोसाईट्स जो कि त्वचा मैं रंग बनाने के लिए जिम्मेदार होते है उनकी अनुपस्थिति की वजह से होती है पर मिलेनोसाईट्स क्यों त्वचा से अनुपस्थित होती है इसके बारे मैं अलग अलग सिद्धांत जरूर हैं पर अधिकारिक