होली खेलते समय कुछ ध्यान देने योग्य बातें….
कैमिकल रंगों से होली नहीं खैलनी चाहिये …ये आपको तो पता है पर जरूरी थोङी है सामने वाले को भी पता है….यहां कुछ छोटी छोटी सामान्य सावधानियां है जिनसे हम होली के बाद अपनी त्वचा को काफी हद तक सामान्य रख पा सकते हं…
- जहां तक हो सके कैमिकल से बने रंगों का प्रयोग न करें….क्यों कि ये सामने वाले के साथ साथ आपकी त्वचा को भी नुकसान पहुंचा सकता है….
- यथासंभव अपने बालों मैं तेल लगाकर रखें(आप छछूंदर न सही पर चमेली का तेल तो लगा ही सकते है) ….क्यों कि तेल लगे हुए बाल अपेक्षाकृत रंग कम पकङते हैं और बाद मैं धोने मैं आसानी रहती है….
- यदि संभव हो सकें तो अपने चर्म रोग विशेषज्ञ से पूछकर (बिना फीस वाला)कोई बेरियर क्रीम जरूर लगा लें अपने हाथों पर और चेहरे पर …जिसके रंग का रासायनिक प्रभाव यथा संभव कम किया जा सके…यदि बैरियर क्रीम उपलब्ध न हो तो सन स्क्रीन तो जरूर लगा लें …क्यों कि ये भी एक प्रकार की कोटिंग त्वचा पर करती है जिससे थोङा बहुत बचाव इससे भी किया जा सकता है …
- चलो अब ये भी मान लें कि आप को किसी ने खूब रगङ के रंग लगाया है…..तो …होली खेलने के बाद चेहरे को साबुन के बजाय किसी अच्छे से फैश वाश से धोयें….हो सकता है आप का रंग अच्छी तरह से साफ न हों पर फिर भी आपको रगङ के हरगिज इसे साफ नहीं करना है….क्यों कि इससे आपकी त्वचा को ज्यादा नुकसान होगा….वो रसायन जो अब तक आपकी त्वचा के ऊपर ही लगा हुआ था त्वचा मैं रगङ के साथ वो अंदर भी चला जायेगा और फिर पक्का ही रियैक्शन करेंगा…..
ये कुछ सावधानियां है जिनका ध्यान रखकर हम अपनी त्वचा को काफी हद तक सुरक्षित रख पायेंगे…..
Comments
ये रंग भरा त्यौहार, चलो हम होली खेलें
प्रीत की बहे बयार, चलो हम होली खेलें.
पाले जितने द्वेष, चलो उनको बिसरा दें,
गले लगा लो यार, चलो हम होली खेलें.
आप एवं आपके परिवार को होली मुबारक.
-समीर लाल ’समीर’
Holi ki hardik shubhkaamnae!!
http://kavyamanjusha.blogspot.com/
आप मेरे ब्लाग तक आए, पढ़ा (पता नहीं), कमेन्ट दिया, शुक्रिया.
आपने पूछा यह आँखें किसकी हैं और इन्हें देखकर ही मैं गजल कहता हूँ.
मेरी गजलें आपने पढ़ी नहीं, वरना यह सवाल शायद नहीं करते. अब इस उम्र में जब खुद मेरी आँखों चश्मे की मुहताज हैं, किसी की आँखें क्या देखूँगा.
अब तो लोग खुद मुझे आँखें दिखाते रहते हैं.
………….
ये ब्लॉगर हैं वीर साहसी, इनको मेरा प्रणाम