Posts

अक्नी व्ल्गारिस --उपचार एक सामान्य चर्चा22

एक बार हम ईसके विभिन्न पहलुऔं पर नजर डाल लेते हैं , मरीज के चेहरे पर चिकनाई यानि सीबम की अधिकता होती संक्रमण हो सकता है कीलें और सूजन हो सकती ,जो की समय निकलने के साथ चेहरे पर निशान छोङ देती है , ईलाज मूख्यतः इन्ही बातों को ध्यान में रखकर किया जाता है . खाने की औषधियां--- एन्टिबायोटिक्स यथा डॉक्सीसाईक्लिन,एजिथ्रौमाईसिन,मिनोसाईक्लिन आदि . अन्य औषधियां जैसे जो कभी कभी काम आती हैं पर बहुत उपयोगी होती हैं जैसे जिंक सल्फेटो,हार्म हार्मोन्स,दर्द निवारक,स्टीरॉयड्स आदि . लगाने की औषधियां इस तरह की दवाईयों को हम तीन हिस्सों में बांट सकते , दवाईयां जो मुख्यतया कीलों पर काम करती हैं जैसे –एडॅपलीन(एडॅफरीन,डॅरिवा,मॅडापाईन )ट्रिटिनॉइन, (रेटिनॉ),एजिलिक एसिड, दवाईयां जो मुख्यतया जीवाणु प्रतिरोधी होती हैं जैसे –बेन्जॉयल परॉक्साइड, एजिलिक एसिड, क्लिन्डामाइसिन,इरिथ्रोमाइसिन,टेट्रासाइक्लिन,इत्यादि. दवाईयां जो मुख्यतया सुजन कम करती हैं. जैसे- ग्रुप 2 की सारी दवाईयां ये दुवाईयां और ग्रुप 1 से एङॅपलीन इन दवाईयों का एक काम संक्रमण और सूजन दोनों कम करना है . एक्नी की दवाईयों का तीन चीजों से आकलन किया

एक्नी या pimples

अक्नी व्ल्गारिस के बारे में मैंने कहा था कि यह समस्या उम्र के साथ चलति है 'तो हम ऐसा भी मान सकते हैं कि यह किसि तरह कि बिमारी न होकर मात्र उम्र के परिवतॅन का असर है'और निश्चित रुप से 'इसे खत्म नहीं किया जा सकता है बल्कि ईलाज से इसे हम सिर्फ नियन्त्रित ही कर सकते ; जब ये है कि इलाज से खत्म नहीं हो सकती ओर अगले ५-७ साल तक भी ये निकल सकति है तो ईलाज कि क्या आवश्यकता है॰ईलाज की आवश्कता तो फिर भि है क्यों कि यदि ईलाज नहीं लेंगे तो जो फुसिंयां हो रही हैं वे सब कि सब निशान छों,ङने के बाद ही ठीक होति हैं॰और जब तक ये निकलेंगी निशान छोङती जायेंगि .ओउर हमें इससे हमारा चेहरा खराब होने कि सम्भ्वाना बढ़ जाती है इसलिये हमें इलाज़ समय पर ही चालू कर देना चाहिऐ .जिससे हमारा चेहरा सुंदर बना रहे .ओर सबसे बड़ी बात ये है कि जो दवाईयां इसके लिए काम ली जाती हैं वो सौंदर्य प्रसाधन कि ह्बी तरह होती है .इसलिये शुरू से ही एक बात दिमाग में रखें कि हम इलाज़ नहीं बल्कि सौंदर्य परामर्श ले रहें हैं .ओउर ये मानसिकता रखना आवश्यक है क्यों कि लंबे समय तक इलाज़ लेना ही हमारे मन को बीमार कर देगा। सबसे बड़ी भ्रां

अक्नी व्ल्गेरिस

हिन्दि चिट्ठा संसार मे मैं अभी एक छोटे बच्चे कि तरह हूं और छोटे छोटे डग भरने कि कोशिश कर रहा हूं । में त्वचा रोग का चिकित्सक हूं और त्वचा से सम्बन्धित समस्याओं का ऍक चिट्ठा लिखना चाहता हूं में सोचता हूं कि इसकि बहुत आवश्यकता है ।क्यौं कि ईस तरह कि जानकारी अंग्रेजि में तो बहुत है पर हिन्दी पाठकों के लिए बङी दुलॆभ है में प्रयास करुंगा कि इस कमी को पूरा कर सकूं ।हो सकता है कि में बहुत अच्छा लेखक साबित नहिं होऊं पर मैं निश्चत ही उपयोगि जानकारी दे पाऊंगा ऐसा मेरा विश्वाश है । चूंकी चमॆ रोगों के बारे में भ्रान्तियां बहुत हैं और उपयोगी जानकारी बहुत कम मिल पाती है।यदि आप में से किसि पाठक की कोइ समस्या या दुविधा है तो याथासम्भव उसे दूर करने का प्रयास अवश्य करूंगा । शुरुआत हम करते हैं जवानि के दिनों कि सवॆसामान्य समस्या मुहांसे जिन्हें अंग्रेजि में पिंपल्स या जिसको मेडिकल कि भाषा में ऐक्नि वल्गेरिस कहते हैं ।इसमें चेहरे पर फुसिंया निकल आति हैं ,इनहें रोग कि गम्भीरता के अधार पर पांच ग्रेड में बांटा गया है। यह समस्या उम्र से सम्बन्धित है करीब १५ साल की वषॆसे लेकर २५ वषॆ तक चलति है । और सबसे बङी