अनचाहे बाल कारण व निवारण

 अनचाहे बाल आधुनिक युग की एक ऐसी समस्या बन चुकी है जो कि किसी भी व्यक्ति विशेषकर महिलाओं की सुंदरता पर एक धब्‌बे की तरह होती है।और कोई नहीं चाहेगा कि चेहरे पर बाल हों और उनको पुरुषों की तरह हटाना पङे.

कारण-

अनचाहे बालों का एक बहुत बङा कारण आनुवंशिक होता है यदि आपके परिवार में बाकि महिलाओं के चेहरे पर बाल  हों तो आपके अनचाहे बालों की संभावना अधिक होती है.जिसमें साथ में पोलिसिस्टिक ओवेरियन डीजीज व पुरुष होर्मोंस का बढा हुआ स्तर../ये सामान्यतया पाया जाता है।ऐसी महिलाओं में न केवल चेहरे पर बल्कि शरीर के बाकि हिस्सों पर भी बाल पाये जा सकते हैं।जैसे निपल्स के पास पेट के बीच वाली लाईन व कई बार पांवों पर भी मोटे बाल पाये जा सकते हैं।

हमारी बदली हुई जीवन पद्धति का भी इसमें बहुत बङा रोल है.हर काम चाहे वस्त्र धोना हो या कहीं जाना हो सब मशीन से होता है और हमारा शारिरिक श्रम बहुत कम होता है जिस कारण से न केवल वजन बढ जाता है बल्कि हार्मोनल अंसुतलन भी हो जाता है.

अनचाहे बालों का उपचार

एक बार अनचाहे बाल आ जाने पर उन्हें हटाना ही उनका उपाय है उसके साथ में बचाब के उपचार कर सकते हैं पर जो बाल आ गये हैं उन्हें आप को हटाना ही पङेगा।इसके लिए कई सारे तरीके काम लिये जाते हैं यथा,

ब्लीचिंग

-जब आपके पतले और भूरे याने कम काले बाल हों तो ब्लीचिंग द्वारा बाल कम दिखाई देते हैं।पर कम नहीं होते और कई बार ब्लीचिंग क्रीम से आपको रियेक्शन भी हो सकता है,पर जब तक बहुत अधिक वृद्धि न हो तब तक काम चलाया जा सकता है।

वैक्सिंग-

ब्यूटि पार्लर में गर्म मोम लगाकर बालों को एक झटके से उखाङना वैक्सिंग होता है,बाल तो कम दिखाई देते हैं पर इसमें एक तो मोम से जलने का खतरा रहता है इसके अतिरिक्त जब बालों को हर बार इस तरीके से उखाङा जाता है तो बालों की जङों में माईनर ब्लीडिंग होकर धीरे धीर वहां की त्वचा खुरदरी और खराब दिखने लगती है इसलिए कम से कम चेहरे पर ये तरीका काम नहीं लेना चाहिये।

-इलेक्ट्रो लाईसिस-

जिसमें बालों की जङों में करेंट प्रवाहित कर बाल की जङको नष्ट किया जाता है ।

पर इसमें एक सारे बाल समाप्त नहीं होते बल्कि हर सिटिंग के बाद एक तिहाई बाल ही समाप्त होते हैं और फिर से करना पङता है ।थोङे बहुत बाल हों तो ये तरीका पर्याप्त है पर यदि बङे एरिया में हो तो करना असंभव है। हां इतना अवश्य है कि यही एकमात्र तरीका है जिसमें बाल पूरी तरह से जाते हैं यानि परमानेंट हेयर रिमुवल होता है।

 लेजर ट्रीटमैंट -

अन्य सारे उपचार के तरीकों की अपूर्णता को देखते हुए लेजर हैयर रिमूबल मेथड का आविष्कार हुआ१९९५ में पहले लेजर हैयर रिडक्शन सिस्टम को पहली बार इस उपचार के लिए मान्यता मिली उसके बाद अनेकानेक नई नई मशीने और तकनीकि इस उपचार के लिए आती गई.
लेजर द्वारा किये गये उपचार को परमानेंट हेयर रिडक्शन कहना अधिक उपयुक्त है न कि परमानेंट हेयर रिमूवल  याने जब लेजर ट्रीटमेंट किया जाता है उसके बाद बाल सामान्य रूप से जितना वृद्धि करते हैं उससे लंबा समय लेकर उससे कम वृद्धि करते हैं तो ये हेयर रिडक्शन हुआ.और जब बार बार इस तरीके से इलाज किया जाता है तो बालों की जङ धीरे धीरे समाप्त होने लगती है और बाल और धीरे धीरे कम होते चले जाते है हर सिटिंग के साथ।बाल और कम होते चले जाते हैं।

बालों की सरचना का LHR(laser hair reduction) पर प्रभाव-

बालों का रंग,मोटाई ,घनत्व,और बालों के बढने के अलग अलग दर का LHR पर प्रभाव होता है.लेजर ट्रीटमैंट के प्रभावी होने के लिए लेजर द्वारा बालों की मुख्य जगह याने बल्ब और स्टेम सेल्स के पास से डेमेज होना आवश्यक होता है।स्टैंम सैल्म याने बालों को बढने वाली कोशिकाओं का मुख्य कारक बाल की गर्दन जौसी इस्थमस नामक जगह पर होता है,यदि ये लेजर से और बल्ब वो जगह होती है जहां बालों की मिलेनिन याने काला रंग सर्वाधिक होता है वो स्थित होता ।चूंकि बालों की एनाजन याने बढने की फैज में ही बालों में मिलेनिन सर्वाधिक होता है तो किसी भी बाल की बढने की अवधि में ही सबसे ज्यादा लेजर प्रभावी होती है।और यही कारण है कि बाल जितना काला और मोटा होता है वो उतना ही लेजर से शीघ्रता से ठीक होता है।

लेजर कैसे काम करती है। mechanism of action 

लेजर सेलेक्टिव फोटोथर्मोलाईसिस के सिद्धांत पर काम करती है।अर्थात हर लेजरकि एक टारगेट वेव लेंथ होती है जिस पर ये काम करती है और हमारे शरीर का वो तत्व इस पूरी ऊर्जा को अवशोषित कर उसे नष्ट कर देता है बालों में ये काला रंग अर्थात मिलेनिन होता है जो इस उर्जा को अवशो,ित कर एक तरह से से गर्म होकर जल जाता है और साथ में बालों की कोशिकाओं को भी नष्ट कर देता है ।ये सारी कार्यवाही माइक्रोस्कोपिक होती है इसलिए बाहर से दिखाई नहीं देती है हां कई बार बाल जल कर बाहर जरूर निकल आता है ।चूं कि मिलेनिन हमारी त्वचा में भी होता है तो इसीलिए लेजर ट्रीटमैंट गोरी त्वचा में अधिक प्रभावी होता है क्यों कि इसमें कालें बाल व आस पास की त्वचा में मिलेनिन का अंतर अधिक होता है कम मिलेनिन वाली त्वचा कम ऊर्जा अवशोषित करती है और कम प्रभावित होती है वहीं काला बाल इससे जलकर नष्ट हो जाता है वहीं सांवली त्वचा में ये कई बार त्वचा को भी जला सकता है इसलिए हम पूरी इनर्जी नहीं ले पाते और ये आपके परिणाम को भी प्रभावित करती है।
अब प्रश्न उठता है कि लेजर ट्रीटमैैंट कितना प्रभावी होता है और कितनी बार करवाना होता है,तो हर सिटिंग के साथ आपके बाल कम होते चले जाते हैं और कुछ बाल न के बराबर वृद्धि करते हैं,अधिकतर बार ८ से १२-१५ सिटिंग के बाद ,आपको साल में कभी कभार मैंटेनेंस सिटिंग की ही आवश्यकता होती है।एक चीज हमेशा याद रखिये कि विश्व की कोई मशीन बालों को सदा के लिे समाप्त नहीं कर सकती है, बस बाल धीरे धीरे इतनी कम वृद्धि करते हैं कि वो न के बराबर होती है।

काम आने वाली मशीिने

मशीनें और उनकी टैक्नोलोजी अलग अलग प्रकार की होती है 

  1. रूबी लेजर
  2. अलेक्जैंड्राईट 
  3. डायोग
  4. क्यू स्विच एन डी याग लेजर 
  5. लोंग पल्स एन डी याग लैजर 
  6. आई पी एल  

उपचार की आवश्यकता-

अनचाहे बाल चाहे फिर वे ऊपर वाले होंठ पर ,ठुड्डी,दाढी वाली जगह,कांख में और आजकल बिकिनी एरिया में भी लेजर ट्रीटमैंट करवाया जा सकता है,इसके अलावा आनुवंशिक और दवाईयों के साईड इफैक्ट की वजह से होने वजह से होने वाली बालों की वृद्धि।

उपचार की अनुपयुक्तता-

यदि कहीं चोट लगी हो कट लगे हों,कोई संक्रमण हो और सबसे महत्वपूर्ण है कि कोई भी यदि unrealistic याने वास्तविकता से अधिक परिणाम की आशा करता हो तो लेजर ट्रीटमैंट नहीं करना चाहिये।इसके लिए करवाने वाले व्यक्ति को पहले से परिणाम पता होना चाहिये कि बाल हमेशा के लिए पूरी तरह से नहीं जाते हैं और बाद में भी मैंटेनेंस सिटिंग्स जो कि साल में दो तीन बार तक हो सकती है.

उपचार से पहले की तैयारी(pre procedural work up)

  1. किसी भी प्रकार की दवाई जो चल रही है,हाईपर ट्रोफिक स्कार या कीलोईड,कोई photosensitive medicine or condition,.
  2. यदि किसी भी प्रकार का हार्मोनल डिस्टर्बैंस यथा PCOD या थोयरोईड की बीमारी हो तो .हार्मोनल टैस्ट
    यथा-LH,FSH,DHEAS,free testosteron,cortisone टैस्ट जहां तक संभव हो सकें तो चिकित्सक को करवाने को कहें।

                                     कुल मिलाकर आपको ये पता होना चाहिये कि ये कोई सदा के लिए आपके बाल एक दो सिटिंग्स में समाप्त नहीं होने वाले हैं बल्कि इसमें आपको कई बार लेजर ट्राटमैंट लेना होता है 4-6 सप्ताह के अंतर पर जो कि आगे धीरे धीरे अंतराल बढ सकता है और बाल धीरे धीरे कम हो तोे चले जाते हैं।

इसके अलावा आपको ये पता होना चाहिये कि आपकी मशीन कौनसी है किस ब्रांड की है यू एस एफडी ए एप्रूव्ड तो है न।ये सब बातें आपके परिणाम को प्रभावित करती है इसके अतििक्त सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि करने वाला चिकित्सक कितना अनुभवी है।यदि इन सब बातों को ध्यान में रखकर हम यदि अपना ट्रीटमैंट लेते हैं तो ये आपको बहुत ही शानदार परिणाम देने वाला उपचार है। 

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