अक्नी व्ल्गेरिस

हिन्दि चिट्ठा संसार मे मैं अभी एक छोटे बच्चे कि तरह हूं और छोटे छोटे डग भरने कि कोशिश कर रहा हूं । में त्वचा रोग का चिकित्सक हूं और त्वचा से सम्बन्धित समस्याओं का ऍक चिट्ठा लिखना चाहता हूं में सोचता हूं कि इसकि बहुत आवश्यकता है ।क्यौं कि ईस तरह कि जानकारी अंग्रेजि में तो बहुत है पर हिन्दी पाठकों के लिए बङी दुलॆभ है में प्रयास करुंगा कि इस कमी को पूरा कर सकूं ।हो सकता है कि में बहुत अच्छा लेखक साबित नहिं होऊं पर मैं निश्चत ही उपयोगि जानकारी दे पाऊंगा ऐसा मेरा विश्वाश है । चूंकी चमॆ रोगों के बारे में भ्रान्तियां बहुत हैं और उपयोगी जानकारी बहुत कम मिल पाती है।यदि आप में से किसि पाठक की कोइ समस्या या दुविधा है तो याथासम्भव उसे दूर करने का प्रयास अवश्य करूंगा ।
शुरुआत हम करते हैं जवानि के दिनों कि सवॆसामान्य समस्या मुहांसे जिन्हें अंग्रेजि में पिंपल्स या जिसको मेडिकल कि भाषा में ऐक्नि वल्गेरिस कहते हैं ।इसमें चेहरे पर फुसिंया निकल आति हैं ,इनहें रोग कि गम्भीरता के अधार पर पांच ग्रेड में बांटा गया है। यह समस्या उम्र से सम्बन्धित है करीब १५ साल की वषॆसे लेकर २५ वषॆ तक चलति है । और सबसे बङी समस्या ये है कि हम इस तथ्य को स्वीकार नहीं कर पाते ।मुख्य रूप से हार्मोनल असन्तुलन इसके लिये जिम्मेदार होता है,ोपइसके अतिरिक्त भी कुछ जिवाणु जैसे प्रोपिओनो एक्निस ये जिम्मेदार होते हैं ।समस्या या दुविधा है तो याथासम्भव उसे दूर करने का प्रयास अवश्य करूंगा पर मैं निश्चत ही उपयोगि जानकारी दे पाऊंगा ऐसा मेरा विश्वाश है ।

Comments

हिन्दी चिट्ठाजगत में स्वागत है डॉक्टर !! जम कर लिखें, लोगों में जागरूकता पैदा करें.

किसी तरह की मदद चाहिये तो मुझ से संपर्क करें. -- शास्त्री जे सी फिलिप

हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
http://www.Sarathi.info
स्वागत है हिन्दी चिट्ठाजगत में।
आपका स्वागत है। जानकारी की प्रतीक्षा रहेगी।
debashish said…
bhelcome bhelcome, acche aaye acche aaye :)
आलोक said…
स्वागतम्, बीमारियों और स्वास्थ्य के बारे में जानकारी जाल पर कम ही है - मतलब हिंदी में। तो आपका आना सही समय पर है।

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