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लैजर टैटू रिमूवल-

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टैटू एक फैशन ट्रेंड है आजकल बहुत सारे लोग टेटू बनवाते हैं ये बहुत सुंदर भी लगते हैं पर कई बार जब हम इससे बोर हो जाते हैं तो हम चाहते हैं कि इसे साफ किया जाये..इसके अलावा विशेष रूप से फौज की जो भर्तियां होती हैं उनमें भी यदि आप के टैटू है तो आप को अयोग्य घोषित किया जा सकता है इसके अतिरिक्त यदि आप गल्फ कंट्रीज में याने सऊदी या दुबई जाते हैं तो भी कई बार ये आपके लिए परेशानी करता है तो कई लोग इसके लिए भी टैटू साफ करवाने के लिए आते हैं..लैजर से टैटू हटाने के बारे में हमारे कई सारे प्रश्न होते हैं उन्ही का उत्तर हम यहां दे रहे हैं.. टैटू साफ करने के लिए कौनसी मशीन काम आती है,और कैसे काम करती है- टैटू हटाने के लिए q switch Nd Yag laser काम आती है.इससे निकलने वाली लैजर किरण टैटू में उपस्थित काले रंग या काली स्याही को लक्ष्य करती है.लैजर से निकलने वाली ऊर्जा को ये काला रंग या स्याही के कणों को बहुत छोटे छोटे टुकङों में तोङ देती है जो कि शरीर में अवशोषित कर इसे तोङ देती है, जो धीरे धीरे हमारे blood circulation के साथ बहकर साफ होती जाती है. टैटू साफ होने में कितना समय लगता है- टैटू रिमूवल कब और

fractional co2 laser- कुछ जो आप जानना चाहें

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यदि आप के जीवन में कभी पिंपल्स हुए हैं तो उनके निशान आपके जाब के इंटरव्यू हो या आपकी सगाई होने वाली हो एक आत्महीनता का बोध आप में जगा देता है...इसके निशान जब भी आप दर्पण में देखते हैं तो आपके स्मार्ट लुक को थोङा सा बिगाङ सकता है।।पर सौभाग्य से आजकल ऐसे ट्रीटमैंट्स अपने पास हैं जो आपके चेहरे को इन भद्द निशान और स्कार से वापिस मुक्त कर सकते हैं और आप का चेहरा फिर से खिलखिला उठता है ..और ऐसा ही एक ट्रीटमैंट है co2 fractional laser जो कि आपकी त्वचा की डेमेज्ड बाहरी सतह जो कि स्कार युक्त है उसे हटाकर फिर से ताजगी और चमक प्रदान करता है।तो आज हम बात कर ने वाले हैं इसी ट्रीटमैंट के बारे में ये कैसे किया जाता है और किस तरह ये काम करता है।।इसके हानि लाभ और ट्रीटमैंट करने के बाद कौनसी साबधानियां आपको रखनी चाहिये.. १-क्या होती है फ्रैक्शनल कार्बन डाई आ्क्साईड लैजर f ractional co2 लेजर रिसर्फेशिंग एक प्रकार का स्किन ट्रीटमैंट होता है जो आपके एक्नी स्कार ,डीप रिंकल्स और अन्य स्किन इरेगुलरिटीज  जो किसी भी प्रकार के स्कार यथा एक्नी,पोस्ट ट्रामेटिक स्कार याने चोट लगेन के बाद होने वाले स्कार और स्ट्रैच

एक्नी या पिंपल्स -जानिये क्यों और कैसे होती है

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                                                     एक्नी जिससे हम जवानी के फुंसियां कह कर संबोधित करते हैं 15-25 साल के बीच में निकलने वाली चेहरे पीठ और छाती पर निकलने वाली वो फुंसियां होती है जो इतने लंबे समय तक निकलती है। और हमें काफी परेशान कर सकती है।अपने जीवन काल में 80 प्रतिशत तक टीनेजर्स  एक्नी से प्रभावित होते हैं और इनमें से अधिकतर को उपचार लेने की आवश्यकता पड़ती है। यदि समय पर इसका उपचार नहीं किया जाता है तो यह आपके चेहरे पर निशान  कर सकती है।और ये परमानेंट भी हो सकते हैं।इसलिए एक्नी होने पर हमें विशेषज्ञ चिकित्सक से इसके बारे में ध्यान से उपचार ले ही लेना चाहिये जिससे हम अपने चेहरे को इसके हानिकारक प्रभावों से बचा सकें.आज हम एक्नी के होने के कारणों की चर्चा करेंगे. प्रभावित करने वाले कारक- हालांकि हम ये कह सकते हैं कि ये 80 प्रतिशत तक युवाओं को होती है तो ये कोई बीमारी न होकर एक सामान्य शारिरिक परिवर्तन ही है फिर भी कई सारी बातें है जो इसके होने न होने व गंभीरता को प्रभावित करती है . जैसे आयू- कहने को तो ये 15 से 25 साल तक की व्याधि है पर इसके बाद भी याने 31-40 साल की ऊम्र

गर्मी के मौसम में त्वचा की देखभाल

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  राजस्थान के जिस हिस्से से मैं हूं याने सीकर वो हिस्सा सर्दी और गर्मी दोनों में ही अपनी सीमाओं को छूता है याने अभी जून आने वाला है,      और तापमान 50 तक पहुंच रहा है।ऐसा ही हाल। कमो बेश पूरे देश में रहता है ऐसे  में हम अपनी त्वचा और सामान्य स्वास्थ्य की रक्षा कैसे  कर पायेंगे इस के बारे में हम चर्चा करेंगे। कपङे कैसे पहनें- गर्मी में पसीना बहुत आता है तापमान ज्यादा होता है इसलिए कहीं घर से बाहर निकलना है तो सूती हवादार कपङे पहनने चाहिये। जहां क हो सके जींस वगैर नहीं पहने ं क्यों कि हवा दार नहीं होंगे तो हमारे शरीर की गर्मी और पसीना हमें परेशान कर सकता है।कपङों के रंग का भी इस पर बहुत फर्क पङता है .हल्के रंग के कपङे यथा सफेद रंग ऊर्जा को कम अवशोषित करता है और परावर्तित कर देता है पर गहरे रंग के कपङे जैसे काला रंग ऊर्जा याने गर्मी को अवशोषित कर बढा देता है।तो हमें श्वेत वस्त्र गर्मी से बचाते हैं और थोङे ढीले कपङे होते हैं तो वे गर्मी को शरीर तक पहुंचने से रोकते हैं।यदि दोपहर में आपको बाहर जाना पङे तो आपको निश्चित ही छतरी या हैट जो चारों तरफ से धूप को रोकती है का उपयोग करना चाहये. इसीलि

अनचाहे बाल कारण व निवारण

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 अनचाहे बाल आधुनिक युग की एक ऐसी समस्या बन चुकी है जो कि किसी भी व्यक्ति विशेषकर महिलाओं की सुंदरता पर एक धब्‌बे की तरह होती है।और कोई नहीं चाहेगा कि चेहरे पर बाल हों और उनको पुरुषों की तरह हटाना पङे. कारण- अनचाहे बालों का एक बहुत बङा कारण आनुवंशिक होता है यदि आपके परिवार में बाकि महिलाओं के चेहरे पर बाल  हों तो आपके अनचाहे बालों की संभावना अधिक होती है.जिसमें साथ में पोलिसिस्टिक ओवेरियन डीजीज व पुरुष होर्मोंस का बढा हुआ स्तर../ये सामान्यतया पाया जाता है।ऐसी महिलाओं में न केवल चेहरे पर बल्कि शरीर के बाकि हिस्सों पर भी बाल पाये जा सकते हैं।जैसे निपल्स के पास पेट के बीच वाली लाईन व कई बार पांवों पर भी मोटे बाल पाये जा सकते हैं। हमारी बदली हुई जीवन पद्धति का भी इसमें बहुत बङा रोल है.हर काम चाहे वस्त्र धोना हो या कहीं जाना हो सब मशीन से होता है और हमारा शारिरिक श्रम बहुत कम होता है जिस कारण से न केवल वजन बढ जाता है बल्कि हार्मोनल अंसुतलन भी हो जाता है. अनचाहे बालों का उपचार एक बार अनचाहे बाल आ जाने पर उन्हें हटाना ही उनका उपाय है उसके साथ में बचाब के उपचार कर सकते हैं पर जो बाल आ गये हैं उ

दाद याने फंगल इंफेक्शन के बार बार होने से कैसे बचें

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आज हम बात करेंगे फंगल इंफेक्शन यानी दाद की रिकरैंस याने बार बार होने के बार में यह कैसी समस्या बन चुकी है कि पूरे देश भर में एक तरह से एपिडेमिक बन चुका है आपको हर घर परिवार में मोहल्ले में गांव में सब जगह दाद याने फंगल इंफेक्शन के मरीज मिलते हैं और इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि हम दवाई लेते हुए भी कुछ चीजों का भली प्रकार से पालन नहीं करते इस वजह से यह सब होता है तो अब आज कुछ ऐसी बातों की चर्चा करेंगे जिन्हें ध्यान में रखकर हम इस समस्या से पार पा सकते हैं और दाद को ठीक कर सकते हैं। स्वच्छता पहली चीज है हमारे शरीर की स्वच्छता याने हाइजीन वैसे तो सभी लोग अच्छी तरह से नहाते हैं, साबुन लगाते हैं। पर कुछ चीजें फिर भी हमें ध्यान रखनी होती है जैसे कि यह इंफेक्शन स्पर्श से फैलता है। तो, इसके लिए जब हम नहाते हैं तो तौलिए से पौंछते समय ध्यान रखें कि हमें दो तरह के तोलिए काम में लेने चाहिए एक जो आपके सारे शरीर को पौंछते के लिए होता है चेहरे को पहुंचने के लिए होता है और दूसरा वह जो आपके इंटीमेट पार्टस यानी के ग्रॉइन एरिया यानी हाथों में और कांख में पौंछने लिए होता है। क्योंकि फंगल इनफेक्शन ज्
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टीनिया वर्सिकलर( Tinea versicolor ) परिचय -टीनिया वर्सिकलर अथवा जिसे साधारण भाषा में भभूती कहते हैं,त्वचा का एक ऐसा रोग है जिसमें सफेद और भूरे रंग के चकत्ते हमारे शरीर पर बन जाते हैं,ये मुख्यतया धङ ,हाथ व कभी कभी चेहरे पर भी पाये जा सकते हैं।अपने रंग की वजह से जो कि सफेद से मिलता जुलता हो सकता है रोगी इसे सफेद दाग याने vitiligo समझ लेता है।और अधिकतर इसी वजह से चिकित्सक तक पहुंचता है।हालांकि इनके कारण ,गंभीरता और उपचार में रात दिन का अंतर होता है। कारण -ये रोग हमारे शरीर पर सामान्यतया पाये जाने वाले फंगस mellasezia furfur or pityriosporum ovale (एक ही फंगस के दो नाम हैं)के कारण होता है। लक्षण -शरीर पर विभिन्न आकार के   गोल गोल चकते जो कि कुछ मिलिमीटर से कुछ सैटीमीटर तक हो सकते हैं अन्य कोई लक्षण नहीं होता है।क्यों कि ये फंगस त्वचा की सबसे ऊपरी याने superficial परत stratum corneum मैं पाया जाता है इसलिए इससे खुजली नहीं होती और न हीं किसी प्रकार का द्रव निकलता है क्यों कि ये परत निर्जीव होती है।सामान्यतया गर्मी और बरसात ऋतु में ये ज्यादा होता है,क्यों कि तब शरीर पर पसीना